International web-conference on Innovative Business Practices in Digital Era (IC-IBPDE 20) to be held on 28-30 December, 2020
Registration Form Click here to Online Registration
आगामी सत्र से नवीन भवन में संचालित होगा एमसीयू रीवा परिसर
आगामी सत्र से नवीन भवन में संचालित होगा एमसीयू रीवा परिसर
आधुनिक स्टूडियो इंटरनेट, सामुदायिक रेडियो होगा आरंभ, ग्रामीण पत्रकारिता का शुरू होगा पाठ्यक्रम
भोपाल, 07 नवम्बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का रीवा परिसर आगामी सत्र से नवीन भवन में संचलित होगा। इसके लिये गुणवत्ता आधारित निर्माण कार्य यथा शीघ्र पूरा किया जायेगा। यह बात शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के जी सुरेश ने रीवा परिसर के नवीन भवन के निरीक्षण और समीक्षा के दौरान कही।
प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का रीवा परिसर विंध्य क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में रीवा में बन रहा यह परिसर अध्ययन एवं शोध का उत्कृष्ट केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र का पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी एक अलग छवि रही है। इस अंचल में संचार आधारित शिक्षा के अनेक अवसर हैं। विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से समाचार उद्योग की आवश्यकता के ध्यान में रखते हुये रोजगारन्मुखी पाठ्यक्रम यहां पर शुरू करेगा। व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिये विश्वविद्यालय रीवा परिसर में आधुनिक स्टूडियो स्थापित करेगा और सामुदायिक और इंटरनेट रेडियो संचालित करेगा। स्थानीय स्तर पर कुछ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का आंकलन कर सिर्फ रीवा परिसर में ही संचालित की योजना है। प्रो. सुरेश ने कहा कि आगामी सत्र से हम रीवा में ग्रामीण पत्रकारिता का पाठ्यक्रम आरंभ करेंगे।
उन्होंने कहा कि भोपाल में उपलब्ध सभी विषय विशेषज्ञ शिक्षक रोस्टर के आधार पर रीवा परिसर में अध्यापन कार्य करेंगे। कोरोना के कारण अभी यह कार्य आनलाइन अध्यापन कराया जा रहा है। प्रो. सुरेश ने कहा कि विद्यार्थियों को आकादमिक गुणवत्ता के साथ व्यवहारिक प्रशिक्षण हेतु मेंटरशिप प्रोग्राम आरंभ करेंगे। जिससे अनुभवी पत्रकारों के मार्गदर्शन में विद्यार्थी पत्रकारिता की व्यवहारिक बारीकी को समझेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में यूनीसेफ के सहयोग से विश्वविद्यालय स्थानीय पत्रकारों के लिये जन स्वस्थ्य पत्रकारिता की कार्यशाला आयोजित करेगा। प्रो. सुरेश ने कहा कि रीवा के किसी गांव को गोद लेकर हम मीडिया साक्षरता कार्यक्रम संचालित करेंगे।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, परिसर प्रभारी दीपेन्द्र सिंह बघेल ,प्रलेखन अधिकारी डा. बृजेन्द्र शुक्ल, सहायक प्राध्यापक रवि साहू गृह, निर्माण मंडल के कार्यपालन यंत्री ए.पी. सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।





आगामी सत्र से नवीन भवन में संचालित होगा एमसीयू रीवा परिसर आधुनिक स्टूडियो इंटरनेट, सामुदायिक रेडियो होगा आरंभ, ग्रामीण पत्रकारिता का शुरू होगा पाठ्यक्रम भोपाल, 07 नवम्बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का रीवा परिसर आगामी सत्र से नवीन भवन में संचलित होगा। इसके लिये गुणवत्ता आधारित निर्माण कार्य यथा शीघ्र पूरा…
Don’t write in haste, do proper investigation and research: Prof KG Suresh
Don’t write in haste, do proper investigation and research: Prof KG Suresh
VC of Makhanlal Chaturvedi University interacts with students on ‘Media: Past, Present and Future’
Bhopal, 04 November, 2020: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof. K.G. Suresh today called upon media students to develop the habit of writing and reading daily.
‘Whatever you write, you must write with responsibility. Don’t write in haste, do proper investigation and research,’ the Vice Chancellor said in an informal talk with students on ‘Media: Past, Present and Future’.
Vice Chancellor Prof Suresh said, to educate and aware the society is the prime duty of journalism. Objective of Gandhi Ji’s journalism was to bring change in the society. Today, media has been polarized which is not good for society and the media itself. We should be pro-public. A journalist is always a neutral umpire.
He said, commercialization of media has reduced the importance of editor. Media today is facing the crisis of credibility due to fake content. It is the responsibility of media students to stop fake content and make the society aware of it.
In this online lecture, the Vice Chancellor said, teachers from Bhopal campus of the University will visit Khandwa and Rewa campus to share their expertise with students. Classes will soon begin in the new campus. Open class culture will be implemented. National medium museum will also be set up and community radio will be launched for students. News letter will also be published.
Tips to media students:
- Journalism has a bright future. Students should enhance their skills.
- Demand in vernacular journalism will increase.
- Today Media needs multi-tasking people.
- We should be technology savvy along with command over language and writing skills.


Don’t write in haste, do proper investigation and research: Prof KG Suresh VC of Makhanlal Chaturvedi University interacts with students on ‘Media: Past, Present and Future’ Bhopal, 04 November, 2020: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof. K.G. Suresh today called upon media students to develop the habit of writing and…
लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश
लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से कुलपति ने किया संवाद, ‘मीडिया : कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान
भोपाल, 01 नवम्बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को प्रतिदिन लिखने और पढऩे की प्रवृत्ति विकसित करना चाहिए। लेकिन, वे जो भी लिखें, जिम्मेदारी से लिखें। लिखने में जल्दबाजी नहीं, बल्कि पहले शोध और तथ्यों की पड़ताल कर लें। उसके बाद ही लिखें। कुलपति प्रो. सुरेश पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अनौपचारिक तौर पर संबोधित कर रहे थे। हालाँकि, इससे पहले उन्होंने सत्रारंभ कार्यक्रम में नवागत विद्यार्थियों से संवाद किया था और उसके बाद रीवा और खंडवा परिसर के विद्यार्थियों से भी संयुक्त रूप से संवाद कर चुके हैं।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता का काम है, समाज को शिक्षित और जागरूक करना। गांधीजी की पत्रकारिता का उद्देश्य भी समाज में बदलाव लाना था। उन्होंने कहा कि आज मीडिया में एक ध्रुवीकरण दिखाई देता है, जो न केवल मीडिया के लिए अपितु समाज के लिए भी अच्छा नहीं है। इसलिए हमें पत्रकार बनना है, पक्षकार नहीं। फैक्टविस्ट बनना है, एक्टिविस्ट नहीं। पत्रकार की भूमिका न्यूट्रल एम्पायर की होती है। पत्रकार न तो सत्ता पक्ष का होता है और न विपक्ष का। उन्होंने कहा कि मीडिया के व्यवसायीकरण ने संपादक की सत्ता के महत्व को कम कर दिया है। आज समाचार संस्थानों में संपादक हाशिये डाल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूज कभी फेक नहीं होती, जो फेक होती है, वह न्यूज नहीं होती। फेक कंटेंट के इस दौर में मीडिया के सामने विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो रहा है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों की यह जिम्मेदारी है कि वे फेक कंटेंट के प्रसार को रोकें और समाज को भी फेक कंटेंट के प्रति जागरूक करें।
ऑनलाइन व्याख्यान में कुलपति ने कहा कि जब परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी तब भोपाल परिसर के सभी शिक्षक रीवा और खंडवा परिसर में भी जाकर कक्षाएं लेंगे, ताकि वहाँ के विद्यार्थियों को उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिल सके। भोपाल में नवनिर्मित परिसर में जल्द ही कक्षाएं शुरू होंगी। रवीन्द्रनाथ टैगोर के सुप्रसिद्ध विद्यालय शांतिनिकेतन की तर्ज पर भोपाल के परिसर में प्रकृति के सान्निध्य में कक्षाएं लगेंगी। यहाँ राष्ट्रीय मीडिया संग्रहालय की स्थापना करने की भी योजना है। विद्यार्थियों के लिए सामुदायिक रेडिया की स्थापना होगी और न्यूज लेटर भी प्रारंभ किया जाएगा।
विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सूत्र :
– पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है। विद्यार्थियों को अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए।
– भाषाई पत्रकारिता मांग बढ़ती जा रही है।
– मीडिया में आज मल्टीटास्कर की आवश्यकता है।
– हमें लेखन के साथ तकनीक और सॉफ्टवेयर भी सीखना है।


लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से कुलपति ने किया संवाद, ‘मीडिया : कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान भोपाल, 01 नवम्बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा…
Teach Son, Tell Son: Smt Pratibha Pandey
Teach Son, Tell Son: Smt Pratibha Pandey
Workshop on ‘Sexual Harassment of Women at Workplace’ held in MCU, Internal Complaint Committee reconstituted
Bhopal, 3 November, 2020: ‘To give a safe environment to daughters, it is necessary that we teach and tell our sons. Parents should talk with their sons about their behaviour outside. Their attitude towards female colleagues and classmates should be the same as they have female members in their family,’ said Member of Juvenile Justice Board, Bhopal and advocate Smt Pratibha Pandey here today. She was addressing a workshop on ‘Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act 2013 in Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication. University Vice Chancellor Prof KG Suresh chaired the workshop.
Smt Pandey said, the act is an outcome of discussion on Bhanwari Devi case of Rajasthan. Smt Pandey pointed out that a woman is entitled to get dignity and respect by birth and why there should be special laws for them. We cannot ensure dignity and respect by laws. Society will have to change its mindset.
Smt Pandey detailed the provisions of the Act. She said, media students should be aware of provision 16 of the Act that information related with harassment complaints can not be disclosed publicly during the hearing.
Media should create awareness on laws related with women
Vice Chancellor Prof KG Suresh said there is a need to create awareness on laws related with women. Serious crimes against women start with small incidents which generally people ignore. This is not an issue related with female students. Male students should also understand it. Students of Makhanlal Chaturvedi Journalism University should show the ideal approach on the issues related with female. Media should create awareness in the society on the laws related with women. Head of New Media Technology Department, Prof P Sasikala conducted the online workshop. Registrar Prof Avinash Bajpai proposed the vote of thanks.
Internal Complaint Committee (ICC) reconstituted
Internal Complaint Committee for prevention of sexual harassment at workplace was reconstituted in the university. The committee includes chairperson Prof P Sasikala, Dr Urvashi Parmar, Rahul Khadia, Vivek Savarikar, Smt Tripti Vajpayee (all members). Member of Juvenile Justice Board and Advocate Smt Pratibha Pandey is also a member of the committee.
Vice Chancellor’s talk with students today
Vice Chancellor Prof KG Suresh will address students on ‘Media: Kal, Aaj Aur Kal’ at 4 pm on Wednesday. The programme will be live on University’s facebook page.




Teach Son, Tell Son: Smt Pratibha Pandey Workshop on ‘Sexual Harassment of Women at Workplace’ held in MCU, Internal Complaint Committee reconstituted Bhopal, 3 November, 2020: ‘To give a safe environment to daughters, it is necessary that we teach and tell our sons. Parents should talk with their sons about their behaviour outside. Their attitude towards…
बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय
बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन, विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन
भोपाल, 03 नवम्बर, 2020: बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए आवश्यक है कि हम ‘बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं’। अभिभावकों को अपने बेटों से बात करनी चाहिए कि जब वे घर से बाहर निकलें, तब उनका व्यवहार कैसा होना चाहिए। महिला सहकर्मियों एवं सहपाठी छात्राओं के प्रति उनका दृष्टिकोण वैसा ही होना चाहिए, जैसा अपने परिवार की महिलाओं के प्रति रहता है। यह विचार जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती प्रतिभा पांडेय ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम-2013’ पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
श्रीमती पांडेय ने कहा कि राजस्थान में भंवरी देवी के साथ हुए दर्दनाक अपराध के बाद कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीडऩ को रोकने के प्रति एक विमर्श प्रारंभ हुआ और यह कानून बन सका। श्रीमती पांडेय ने सवाल उठाया कि जो सम्मान और अधिकार महिलाओं को जन्म के साथ ही प्राप्त होने चाहिए, उसके लिए इस तरह के कानून क्यों होने चाहिए? उन्होंने कहा कि केवल कानून बनने से हम महिलाओं को सम्मान नहीं दे सकते। हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा। श्रीमती पांडेय ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं की जानकारी मीडिया के विद्यार्थियों को विस्तार से दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस अधिनियम की धारा-16 के अनुसार, जब तक महिला उत्पीडऩ संबंधी मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक उससे जुड़ी किसी भी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मीडिया में आने वाले विद्यार्थियों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।
महिला विषयक कानूनों के प्रति जागरूकता लाए मीडिया :
कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि महिलाओं से जुड़े कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। महिलाओं के प्रति बड़े अपराध छोटी-छोटी घटनाओं से शुरू होते हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। यह विषय सिर्फ छात्राओं के लिए नहीं है, बल्कि इसे छात्रों को भी समझना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को महिला विषयक मुद्दों पर एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। मीडिया समाज को नेतृत्व प्रदान करता है इसलिए मीडिया के लोगों को अपने समाज में महिला विषयक कानूनों के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास करने चाहिए। कार्यशाला का संचालन नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग एवं आईसीसी की अध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला ने और आभार व्यक्त कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।
महिला यौन उत्पीडऩ रोकने समिति का गठन :
कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन भी किया गया है। समिति की अध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला और सदस्य डॉ. उर्वसी परमार, राहुल खडिय़ा, विवेक सावरीकर, श्रीमती तृप्ति वाजपेयी हैं। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती प्रतिभा पांडेय भी इस समिति की सदस्य हैं।
‘मीडिया: कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान आज :
बुधवार सांय 4 बजे ‘मीडिया: कल, आज और कल’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे कुलपति प्रो. केजी सुरेश। विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर लाइव रहेगा कार्यक्रम।
विश्वविद्यालय फेसबुक पेज का लिंक – https://www.facebook.com/mcnujc91



बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन, विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन भोपाल, 03 नवम्बर, 2020: बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए आवश्यक है कि हम ‘बेटे को पढ़ाएं, बेटे…
